सूखे में जान बचाने के लिए अपनों को बेचने को मजबूर हुआ यह देश

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हमारे देश में गर्मियां आते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। आज देश के कई राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं। बुंदेलखंड हो या लातूर, सभी जगहों पर हालत बेहद ही खराब है। लातूर में तो लोगों को पीने के पानी के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। देश के बारह राज्य सूखे की चपेट में हैं। सरकार के मुताबिक करीब 33 करोड़ लोग सूखे की चपेट में हैं, वहीं गैर सरकारी आकड़ों में इनकी संख्या और अधिक है। आपको बता दें कि हमारे देश जैसे हालात दुनिया के अन्य देशों में भी हैं। इन देशों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नायाब तरीके को खोज निकाला है।

Sunset-silhouette-elephants-Francis-GarrardImage Source :http://africageographic.com/

सूखे की बुरी तरह मार झेल रहे देश जिम्बाबवे ने अपने देश के जानवरों को बेचने का फैसला किया है, ताकि उन्हें सही जगह पर भेजकर उन्हें इस समस्या से बचाया जा सके और खुद उनकी भी परेशानी कम हो। हमारे देश में सूखे की समस्या से निपटने के लिए वैसे तो कई योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन यह सभी योजनाएं सही समय पर काम नहीं कर पाती हैं। जिम्बाबवे में भी इन दिनों सूखे के हालात चल रहे हैं। ऐसे में इस देश ने अपने वाइल्ड लाइफ रिजर्व को कम करने का फैसला किया है। जिम्बाबवे पार्क एंड वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कहा है कि जो भी यहां के जानवरों को लेना चाहता है उसे अपना नाम, प्रापर्टी, उसका साइज, मालिकाना हक और इस्तेमाल होने वाली भूमि आदि का पूरा ब्योरा देना होगा।

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फिलहाल बाहर के अन्य देश यहां के जानवरों को ले सकेंगे या नहीं इस पर अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। यहां के अधिकारियों ने जानवरों की संख्या पर भी कोई खुलासा नहीं किया है। नीलामी की बोली आने के बाद ही जानवरों की संख्या पर विचार किया जाएगा। आपको बता दें कि जिम्बाबवे के पास शेर, हाथी, चीता और बंदरों की भारी तादाद है। पिछले वर्ष भी जिम्बाबवे की ओर से कई दर्जन हाथियों को चीन को दिया गया था।

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