दिल्ली ने दी बेदर्द मौतः वो बच सकता था लेकिन…

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बेदर्द दिल्ली जहां पर किसी के दर्द की कीमत कुछ नहीं होती है बस यहां के लोग एक दूसरे को रोंदते कुचलते हुएआगे बढ़ते है। इसी बेदर्द दिल्ली में, समाज में होने वाली असंवेदनशीलता का एक नजारा सुभाषनगर इलाके में कल देखने को मिला। जहां पर राह चलते एक युवक को लापरवाही से आता हुआ टेम्पो टक्कर मारकर निकल गया था। अब आरोपी ड्राइवर राजेश कुमार गुप्ता को पुलिस ने धारा 304 के तहत गिरफ्तार करने के साथ ही उसका टेम्पो भी बरामद कर लिया है।

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वाददात की पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है जिसमें साफ दिख रहा है कि राह चलते युवक को किस प्रकार से आरोपी टेम्पो ड्राइवर ने टक्कर मारी और इसके बाद वह नीचे उतरता है उसे देखता है और तड़पता बिलखता छोड़ भाग खड़ा होता है। इसके बाद कितने ही लोग इस सरसराती, दौड़ती रोड़ से गुजरते है लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की।

गुरुवार की सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर हुआ दर्दनाक हादसा सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। जो समाज का आइना दिखाने के लिए काफी था। मतिबुल नाम का व्यक्ति अपनी नाईट शिफ्ट पूरी करके सुभाष नगर की ओर से पैदल ही डीडीयू हॉस्पिटल की तरफ जा रहा था। तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार टैम्‍पो ने उसे जोरदार टक्कर मारकर आहत कर देता है। जिससे वो तुंरत सड़क के किनारे गिर जाता है। इसके बाद ड्राइवर अपने टेम्पो से उतरकर उसे देखता है और फिर टैम्पो लेकर भाग खड़ा होता।

इस बीच कितने लोग इस राह से गुजरते है पर कोई भी मतिबुल की सहायता के लिए आगे नही बढ़ता। वह लगातार दर्द से कराहता रहता है। लेकिन लोगों के दरिंदगी का नजारा तब देखने को मिलता है जब एक रिक्शावाला अपने रिक्शे से उतरकर उसकी मदद करना तो दूर उसके पास पड़ा मोबाइल उठाकर ले जाता है। काफी घंटों के बाद जब पुलिस को इस बात कि खबर मिलती है तब तक वो इंसान मौत को गले लगा चुका होता है।

पश्चिम बंगाल का निवासी
बताया जाता है कि दिन रात मेहनत कर अपना गुजारा करने वाला मृतक पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। उसके परिवार में तीन बेटियां है वह दिल्ली में अकेला ही रहकर काम कर अपने परिवार का पेट पालता था। दिन के समय में ई-रिक्शा चलाता था और रात में चौकीदारी का काम करता था।

मृतक मतिबुल ने दिल्ली की सड़क पर तड़पते हुए मौत को गले लगा लिया, पर समाज की निर्दयता को देखकर महसूस होता है कि यहां के इंसानों की इंसानियत भी पूरी तरह से मर चुकी है। आज लोग एकता भाईचारे की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली के लोगों के सच के आइने को आज पूरा समाज देख रहा है।

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