हनीप्रीत की बिना मेकअप की फोटो देख अनुयायी शॉक्ड, बोले नहीं रहा भगवान पर भी विश्वास

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दो तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर आई हनीप्रीत की बिना मेकअप वाली फोटो ने वो कमाल कर दिखाया जोकि सेना व हरियाणा पुलिस भी नहीं कर सकी। दरअसल बाबा राम रहीम के बहुत से अनुयायी अब डेरा छोड़ कर अपने अपने घर की ओर जाने लगें हैं। बताया जा रहा हैं कि इसका कारण हनीप्रीत की बिना मेकअप वाली तस्वीर हैं जोकि हाल ही में सामने आई हैं।

हनीप्रीतImage Source: 

सूत्रों की मानें तो सामने आई इस तस्वीर को देखने के बाद डेरे के लोग अचानक शांत और गुमसुम हो गए, जो डेरा अनुयायी मीडिया कर्मियों से कल तक उड़ उड़ कर बातें कर रहें थे वह आज बिल्कुल शांत हैं। इतना ही नही बताया जा रहा हैं कि बहुत से लोग अपना बोरिया बिस्तरा सर पर उठाये डेरे से बाहर की ओर जा रहें हैं।

स्थानीय लोगों का कहना हैं कि हनीप्रीत की असली तस्वीर देख कर इन लोगों का विश्वास भगवान समेत सभी से उठ चुका हैं। हमारे विशेष संवाददाता पी.के गिरपड़े ने डेरे से वापिस जाते एक समर्थक से इस बारे में बात की।

रिपोर्टर – पहले तो आप तो डेरे से बाहर निकल ही नहीं रहें थे, अचानक ऐसा क्या हुआ की आप लोग स्वयं वापस जानें लगे ?

समर्थक – इस दुनिया में कुछ नहीं रखा हैं साहिब, सब कुछ झूठ हैं। जो जैसा दिखाया जाता हैं वैसा कुछ नहीं होता हैं। यह बात अब हम जान चुके हैं इसलिए अब स्वयं ही जा रहें हैं।

हनीप्रीतImage Source: 

पुलिस का कहना हैं कि “अभी भी डेरे में कुछ समर्थक हैं पर यह वह लोग हैं जो पुलिस को ही आत्मघाती हमले की धमकी दे रहें हैं। असल में ये लोग वे कट्टर समर्थक हैं जो हनीप्रीत की बिना मेकअप वाली तस्वीर देख कर भी डेरा नहीं छोड़ रहें हैं।”

पुलिस आगे कहती हैं कि “यदि बाबा राम रहीम का जेल वाला एकाद फोटों सामने आ जाए तो इस बात की पूरी उम्मीद की जा सकती हैं कि ये कट्टर डेरा समर्थक भी डेरा छोड़ कर भाग जायेंगे। पुलिस इस बात पर पूरा भरोसा करती हैं कि रॉक स्टार बने रहने वाले बाबा जी का चेहरा अब देखने लायक होगा। अब देखना यह हैं कि बाबा जी का भी कोई नया फोटो जनता के सामने आता हैं या नहीं।

विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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