यह है अपने देश का अनोखा चर्च, वर्षों से खुलेआम दे रहा है यौन शिक्षा

-

 

चर्च तो आपने यकीनन बहुत से देखें होंगे और कई में आप गए भी होंग, मगर आपने ऐसा कोई चर्च नहीं देखा होगा जहां खुलेआम यौन शिक्षा दी जाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही चर्च के बारे में बता रहें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह चर्च अपने ही देश का है। अपने देश की बात करें तो हमारे यहां यौन शिक्षा को लेकर जितनी गहरी खोज प्राचीन समय से हुई उतनी आजतक किसी अन्य देश में नहीं हुई है। हमारे ही देश में “कामसूत्र” नामक ग्रंथ की उत्पत्ति हुई जो यौन शिक्षा में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ है, लेकिन आज भी देश में यौन शिक्षा को लेकर कोई खुलेआम बात नहीं करता।

अब इसे हम हमारे देश के लोगों की मानसिक कमी ही कह सकते है क्योंकि आज के समय में लोगों को यौन शिक्षा का ज्ञान होना बहुत जरुरी है। वर्तमान समय में कई सरकारें इस और कदम बढ़ाने की बात कर भी रही हैं, मगर पब्लिक इस बात को सहज भाव से स्वीकार नहीं कर पाती। पर आपको बता दे कि अपने ही देश में एक ऐसा चर्च है जो वर्षों से लोगों को खुलेआम यौन शिक्षा का सकारात्मक पाठ पढ़ा रहा है। आइये अब आपकों इस चर्च के बारे में विस्तार से बताते हैं।

चर्चImage Source:

इस चर्च का नाम “आलझुप्पा बिशप” है और यह केरल में स्थित है। इस स्थान पर वर्षों से यौन शिक्षा का सकारात्मक पाठ लोगों को पढ़ाया जा रहा है। यौन जीवन तथा शिक्षा से जुड़ी भ्रांतियों और शंकाओं को एक विशेष मीटिंग बुलाकर लोगों के सामने ही शांत करता है। इस चर्च के लोगों की मान्यता है कि लोगों को आज यौन शिक्षा की बहुत जरुरत है और लोगों को सकारात्मक तरीके से इस बारे में शिक्षित करना चाहिए। यह चर्च अपने यहां से “मुखरेखा” नामक मासिक पत्रिका को भी निकालता है। इस पत्रिका में भी यौन शिक्षा पर बहुत खुलकर लिखा जाता है। अतः लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाता है।

हाल ही में डॉक्टर संतोष थॉमस का एक लेख इस पत्रिका में पब्लिश हुआ था जिसमें उन्होंने लिखा था कि “काम मानव के लिए एक उत्सव की तरह होता है इसके बिना जीवन बिना पटाखो के त्यौहार जैसा लगता है। यदि दो व्यक्ति आपस में जुड़ना चाहते हैं तो उनको एक दूसरे से जुड़ जाना चाहिए।” इसी लेख में भारत के महान विद्वान बाणभट्ट द्वारा लिखित “आष्टांग ह्रदयम” से रेफरेंस लेकर यह बताया गया कि स्त्रियां उनके ब्रेस्ट के आकर के आधार पर 4 प्रकार की होती हैं। इस विषय को भी लेख में विस्तार पूर्वक समझाया गया है। जहां तक चर्च की बात है तो यहां पर यौन जीवन के शारारिक तथा मानसिक फायदों से लेकर आध्यात्मिक फायदों तक के बारे में बताया जाता है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments