गंगाजल से चलती है मुगलों के समय की 200 साल पुरानी आटा चक्की

0
639

सभी लोग आटे से बनी रोटियां खाते ही हैं और आटे की चक्की सभी ने देखी ही होगी, पर क्या आप किसी ऐसी आटा चक्की के बारे में जानते हैं जो की सिर्फ पानी से चलती है यदि नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही देश की आटा चक्की के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं। इस चक्की की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जिस पानी से चलती है वह हरिद्वार की गंगा से लाया जाता है। इसके अलावा यह चक्की आज के समय की नहीं है, बल्कि यह मुगलों के समय की है और करीब 200 वर्ष पुरानी है। आइए जानते हैं इस चक्की के बारे में विस्तार से।

chakki1Image Source:

गंगाजल से संचलित होने वाली यह आटा चक्की उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले के ” डासला” नामक स्थान पर मौजूद है। इस चक्की को चलाने के लिए न तो किसी प्रकार का कोई झंझट है और न कोई खर्चा, क्योंकि यह चक्की किसी जेनेरेटर या बिजली से नहीं बल्कि पानी से चलती है और इसमें गंगाजल की प्रयोग से ही चलाया जाता है। असल में यह चक्की पानी के प्रेशर से संचलित होती है जो की गंगा से ही लाया जाता है। इसके अलावा आपको जानकारी के लिए हम यह भी बता दें कि यह चक्की 1868 में बनी थी और अभी तक चल रही है, इस चक्की का आटा लोगों में दूर-दूर तक फेमस है और लोग काफी दूर-दूर से यहां का आटा खरीदने के लिए आते हैं, इस चक्की का आटा पानी अधिक सोख्ता है तथा 8 से 9 महीने रखने पर भी खराब नहीं होता है इसलिए बहुत लोग इस चक्की का आटा खरीदने आते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here