आज तक आपने कई गुफाओं के बारे में सुना या पढ़ा होगा ही, इनमें से कुछ गुफाएं पुरातन काल की होंगी तो कुछ प्रकृति द्वारा निर्मित की गई होंगी पर इन सब में एक बात कॉमन होगी कि ये गुफाएं कहीं न कहीं जाकर खत्म जरूर होती होंगी, पर आज हम आपको एक ऐसी गुफा के बारे में बताने जा रहें हैं जिसका कोई अंत ही नहीं है यानि यदि आप इस गुफा में प्रवेश कर जाते हैं तो आप कभी भी इस गुफा के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाएंगे। लोगों का मानना है कि इस गुफा के अंतिम छोर तक आज तक कोई नहीं जा सका है। आइये जानते हैं इस गुफा के बारे में।
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बिहार प्रदेश के रोहतास जिले में चेनारी नामक क्षेत्र में स्थित कैमूर पहाड़ी पर गुप्तेश्वरनाथ धाम नाम से एक भगवान शिव का मंदिर स्थापित है। कहा जाता है कि यह मंदिर बहुत पुरातन समय का है लेकिन बात सिर्फ इस मंदिर के पुरातन काल के होने की नहीं है बल्कि इस मंदिर से जुड़ी रहस्यमय गुफा की है।
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असल में इस मंदिर का शिवलिंग इस गुफा में जाने पर ही दिखाई देता है और यह गुफा बहुत ही रहस्यमय है, कहा जाता है कि इस गुफा के अंतिम छोर का आज तक किसी को नहीं पता लग पाया है। मंदिर के पुजारी सागर गिरी इस गुफा के बारे में कहते हैं कि “इस गुफा की कोई सीमा नहीं हैं। अभी तक गुफा के अंतिम छोर तक शायद ही कोई पहुंचा हो।” यह गुफा अंदर से काफी अंधेरे से घिरी हुई है और काफी डरावनी भी लगती है। लोगों की मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां पर भस्मासुर को भस्म किया गया था तथा इस गुफा का निर्माण भगवान शिव ने स्वयं ही किया था।