जब अंतिम क्रियाकर्म के लिए लगी सवा करोड़ की बोली

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आपने इसानों के जिस्म की बोली लगाते हुए तो सुना ही होगा पर जिंदा इंसान की जगह मरे हुये इंसान की बोली लगे तो सुनने में काफी अटपटा सा लगता है, पर ये बात सच है कि एक शव को जलाने के लिए लगी बोली, वो भी हजारों की नहीं बल्कि करोड़ो की बोली के साथ अंतिम संस्कार की हर प्रक्रिया को पर किया गया।

Acharya ravindra surishwar
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ये घटना धार जिले के सरदारपुर तहसील में स्थित मोहनखेड़ा के श्वेतांबर जैन समाज की है। जहां मोहनखेड़ा तीर्थ पेढ़ी के अध्यक्ष व गच्छाधिपति आचार्य रवींद्रसूरिजी का शनिवार के दिन दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार के लिए लाखों की संख्या में लोग एकत्रित होकर उन्हे अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़े। उनके अंतिम सस्कार करने के लिए एवं हर रस्मों को पूरा करने के लिए करोड़ो की बोली लगी। रविवार के दिन हुए अंतिम संस्कार के लिए एक ओर जहां सवा करोड़ की बोली लगी तो दूसरे अन्य संस्कारों के लिए सवा 6 करोड़ रुपए तक इकठ्ठा किये गए। उनका अंतिम सस्कार करने का का श्रेय भीनमाल के बाबूलाल वर्धन के परिवार का जाता है। जिसने सवा करोड़ रुपए की बोली लगाकर उनका अंतिम संस्कार किया।

इस महापुरुष को कंधा देने से लेकर, केसर विलोपन, चंदन की लेप और केशलोचन जैसे 26 प्रकार के संस्कारों को पूरा करने के लिए मंहगी से मंहगी बोलिया लगना शुरू हुई जो कुल मिलाकर 7.53 करोड़ रुपए के चढ़ावे के साथ समाप्त हुई।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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