आज के दौर में बहुत से लोग पैसे को ही सब कुछ मानते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो की पैसे को सिर्फ मर्यादा के अनुसार जीवन को चलाने का एक साधन मात्र मानते हैं पर क्या आपने देखा है कि जिस नोट यानि पैसे के पीछे आज दुनिया दौड़ लगा रही वह आखिर है क्या, सिर्फ एक कागज का टुकड़ा, जिस पर चंद नंबरों के साथ होती है गांधी जी की तस्वीर और इससे भी ज्यादा चकित करने वाली बात यह है कि अपने देश को आजाद कराने में गांधी जी सहित अन्य कई बड़े और छोटे स्तर के लोगों का भी हाथ रहा है, तब नोटों पर आखिर गांधी जी की ही तस्वीर क्यों हैं, क्या यह सही है अथवा नहीं। कभी आपने इस बात विचार नहीं किया होगा, इसलिए आज हम आपको इस बारे में बता रहें हैं कि नोटों पर आखिर गांधी जी की ही तस्वीर क्यों होती है।
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यह हैं कारण –
जहां तक बात हमारी है तो हमें यह एक कारण ही समझ में आता है कि भारत में उस समय भी अनेक राज्य आज की भांति ही थे पर उस समय वे उतना जुड़े हुए और संगठित नहीं थे जितने की आज, इसलिए हर राज्य के लोग यही चाहते थे कि करेंसी पर उनके ही राज्य के किसी व्यक्ति का फोटो आए इसके अलावा बात हिंदू और मुस्लिमों की भी थी जो की उस समय काफी चर्चा में थे। ऐसे में सिर्फ गांधी जी ही एक ऐसे व्यक्ति थे जिनकी बात हर जाति और मजहब के लोग करते थे तथा वे ही हर तरह के लोगों में जा कर रह सकते थे और उनसे चर्चा भी कर सकते थे। यही कारण रहा है कि उनका फोटो ही देश की करेंसी पर छापने का निश्चय उस समय किया गया था।