सोहेल सैफी ने उठाया असहाय महिलाओं के उत्थान का बीड़ा

0
566

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान की बजरंगी भाईजान फिल्म तो सबने देखी होगी कि कैसे बजरंगी भाईजान बने सलमान एक मुस्लिम बच्ची के लिए मसीहा बनकर उसकी मदद करते हैं, लेकिन क्या आप रियल लाइफ के बजरंगी भाईजान को जानना चाहेंगे। वह आज के वक्त में देश की मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के लिए एक मसीहा की तरह काम कर रहे हैं। देश में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति किसी से छुपी नहीं है कि कैसे आज भी उनको बिना पढ़ाई लिखाई के चार दिवारी के बीच रखा जाता है, लेकिन वक्त बदल रहा है। ऐसे में बदलते वक्त के साथ लोगों की सोच में भी बदलाव लाना बहुत जरूरी है और इसी सोच में बदलाव लाने का जिम्मा सोहेल नामक एक शख्स ने उठाया है। वह एक अकेले ऐसे शख्स हैं जो मुस्लिम इलाकों में जाकर मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्हें वहां के आस-पास के इलाके में रहने वाले मुस्लिम टीचर्स भी अपना बड़ा भाई मानते हैं।

वैसे मूल रूप से सोहेल सैफी गौतमबुद्ध नगर के रहने वाले हैं, लेकिन बीते 20 साल से वह दिल्ली में रह रहे हैं। साथ ही करीबन 15 सालों से मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। मैथ से एमएससी और बीएड कर चुके सोहले के बारे में बता दें कि वह ये काम एकदम फ्री में करते हैं। इसके लिए वह किसी भी तरह का पैसे चार्ज नहीं करते। उन्होंने अपने पिता के प्रेरित करने पर मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने की सोची, क्योंकि हमारे देश में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति सही नहीं है। वहीं दूसरी ओर उन्हें बच्चों को पढ़ाने का भी काफी शौक है। ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जो अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं।

hImage Source: http://ngosofia.org/

Home

सोहेल के अनुसार यमुना विहार के मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में इस काम को करने में उन्हें थोड़ी मुश्किल जरूर आई, लेकिन धीरे-धीरे फिर उन्होंने लड़कियों को पढ़ाने के साथ-साथ कम्प्यूटर एजुकेशन देने की व्यवस्था को भी शुरू किया। साथ ही लड़कियों को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए उनके लिए नौकरी की व्यवस्था करनी भी शुरू कर दी। उनके मुताबिक इस काम को करने के दौरान उनका सामना ऐसी महिलाओं से भी हुआ जिनको उनके पति परेशान करते हैं या फिर छोड़ चुके हैं। उन्होंने ऐसी महिलाओं को सही रास्ता दिखाने और बच्चों का पालन पोषण करने के लिए एक एनजीओ को रजिस्टर करवाया। जिसका नाम सोफिया रखा गया।

hhhImage Source: http://ngosofia.org/

सोफिया में ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोहेल ने अलग-अलग कोर्सेज की शुरूआत की। जिसमें उनकी एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन के अनुसार काम सिखाया जा सके। वहीं, जो महिलाएं अनपढ़ हैं उन्हें हैंडिक्राफ्ट्स जैसे काम सिखाए जाएं। जिससे वह आत्म निर्भर बन सकें। सोहेल का कहना है कि वह आज तक करीब 7 हजार महिलाओं को शिक्षित करने का काम कर चुके हैं और उनकी ये मुहिम ऐसे ही लगातार जारी रहेगी। उनकी छोटे स्तर पर शुरू की गई ये पहल अब एक बड़ा रूप ले चुकी है। जो कि अब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करने तक ही नहीं उनके अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने का काम भी करती है। उन्होंने अपने एनजीओ में महिला उत्थान से जुड़ी तमाम सरकारी योजनाओं को लागू करवाया है। साथ ही वे दिल्ली महिला आयोग कमेटी से भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में अगर किसी महिला को कोई परेशानी होती है तो वह पुलिस से लेकर वकील तक की मदद दिलाने का काम करते हैं। उनके एनजीओ में पढ़ने वाली अब हर लड़की को बकायदा सर्टिफिकेट दिया जाता है क्योंकि इनका संस्थान एनआईओएस से प्रमाणित है। जिससे यहां के स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरियों में मदद मिलती है। यहां तक कि वह महिलाओं के संतुलित आहार के लिए सरकार की
न्यूट्रीशियन सहित कई अन्य योजनाओं के प्रसार का काम भी कर रहे हैं।

nmnmnnmImage Source: http://ngosofia.org/

इसके अलावा सोहेल नार्थ ईस्ट और ईस्ट दिल्ली में दिल्ली महिला आयोग की टोल फ्री हेल्पलाइन 1800119292 के लिए भी काम करते हैं। जिसके लिए महिला आयोग ने सोफिया एनजीओ को अपनी एक पैनल एजेंसी बनाया है। इस हेल्पलाइन नंबर पर आप कभी भी 24 घंटे में कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा वह दिल्ली सरकार के पीएनडीटी डिपार्टमेंट की सलाहकार समिति के एग्जीक्यूटिव मेंबर भी हैं। जो बच्चे के जन्म से पहले लिंग जांच को रोकने का काम करती है। इसके साथ ही सोफिया एनजीओ अब दिल्ली टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के साथ लड़कियों को टेक्निकल एजुकेशन देकर रोजगार दिलाने में मदद करती है। साथ ही नौकरी के लिए सरकारी स्कीमों के तहत जरूरी कागजात भी महिलाओं को दिलाने का काम करती है। वहीं, इस एनजीओ में महिलाओं को दिल्ली सरकार की ओर से लोन दिलाकर उनकी आर्थिक मदद देने का काम भी किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here