आपने बहुत सी सड़के देखीं ही होंगी पर आज हम आपको जिस सड़क एक बारे में बता रहें हैं वह देश की एक ऐसी खूनी सड़क है जिसने अब तक हमारे देश के 100 से भी ज्यादा सैनिक लील लिए हैं। जी हां, आज हम आपको बता रहें हैं ऐसी सड़क के बारे में जिसको अब लोग खूनी सड़क के नाम से भी जानने लगें हैं। यह एक ऐसी सड़क है जो हर महीने कम से कम एक फौज के जवान की बलि ले ही लेती है, हाल ही में हुए नक्सली हमलें में भारत के 25 जवान भी इसी सड़क पर ही शहीद हुए हैं। आइए आपको बताते हैं इस सड़क के बारे में।
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जैसा की आपको पता ही होगा कि हाल ही में हुए नक्सली हमले में भारत के 25 सैनिक शहीद हुए। देश के सभी लोगों ने बड़ी संख्या में शहीद हुए इन सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि दी, पर हम आपको बता दें कि ये सैनिक जिस सड़क पर शहीद हुए हैं वह अब तक 100 से भी ज्यादा सैनिकों को लील चुकी है।
यह सड़क छत्तीगढ़ राज्य के जगरगुंडा गांव के पास में है और हाल ही में शहीद हुए जवान इस सड़क को दोरनापाल से जगरगुंडा तक मिलाने के लिए कार्य कर रहें थे। यहां का जगरगुंडा गांव काफी समय से नक्सलियों का गढ़ रहा है और हर महीने कम से कम एक जवान इस सड़क पर शहीद होता ही है। 2006 में यहां सुरक्षाबलों तथा नक्सलियों के बीच संघर्ष हुआ था, इसके बाद में 2010 में यहीं पर फिर से सेना और नक्सलियों के बीच लड़ाई हुई थी, जिसमें 76 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे।
वर्तमान में दोरनापाल से ही एकमात्र रास्ता है जोकि जगरगुंडा तक गया है और इस मार्ग पर अब दोनों ओर से सड़क बन रही है, जिस पर सीआरपीएफ के जवान कार्य कर रहें थे। इस सड़क पर ही काम करने वाले जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया, जिसमें हमारे 25 जवान शहीद हो गए।