बंगलुरु के भारत गोल्फ अपार्टमेंट में एक ऐसी दुकान है जिसे कोई व्यक्ति नहीं बल्कि सिर्फ एक व्यक्ति का विश्वास चला रहा है। हो सकता है कि आपको इस बात पर यकीन ना हो, लेकिन यह सच है। ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर स्थित इस अपार्टमेंट में एक ऐसी दुकान है जिसे कोई दुकानदार नहीं चलाता। जिसे जो कुछ भी यहां से लेना होता है वह अपने आप वो चीज़ ले लेता है और ईमानदारी के साथ उस चीज़ के पैसे चुका देता है।
असल में यह दुकान एक छोटा सा फ्रिज है। इसमें इडली-डोसा, बटर, रोटी आदि खाने का सामान रखा रहता है। जब भी किसी को पैकेट फूड की जरूरत होती है वह इसमें से वह चीज़ निकाल लेता है और फ्रिज के दरवाजे पर लगे बॉक्स में पैसे डाल देता है। इतना ही नहीं इस फ्रिज के पास कोई कैमरा तक नहीं लगा जिससे यह देखा जा सके कि कोई चीज़ खरीदने के बाद उसकी कीमत अदा कर भी रहा है या नहीं। यह छोटी सी दुकान सिर्फ और सिर्फ विश्वास के भरोसे ही चल रही है, लेकिन इस तरह की यह कोई अकेली दुकान नहीं है बल्कि बंगलुरु में ऐसी और भी कई शॉप्स हैं।
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आईडी फूड्स के फाउंडर पीसी मुस्तफा ने खरीददारी के इस नए तरह के कांसेप्ट की शुरूआत की है। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने पूरे शहर में इस तरह की कुल 17 शॉप्स शुरू की हैं। इन फ्रिज शॉप्स में आपको कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के अधिकतर ब्रेकफास्ट और लंच ऑप्शन मिल जाएंगे। ये शॉप्स पूरी तरह से सिर्फ ईमानदारी के भरोसे ही चल रही हैं। इसलिए अपनी इस खासियत के कारण इस तरह की शॉप्स को ट्रस्ट शॉप्स का नाम दिया गया है। कुल 17 शॉप्स में से 12 रेसिडेंशियल इलाकों में चलाई जा रही हैं और 5 केपीएमजी ब्रांच ऑफिसों में।
इस तरह की शॉप्स को चलाने के पीछे एकमात्र सोच यही है कि उपभोक्ता पर पूरी तरह से भरोसा करें। इस काम की शुरूआत से पहले लोग इस तरह की सोच पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे, लेकिन सोसाइटीज़ में इस तरह की शॉप्स खुलने के बाद लोग अब इस पहल की सराहना करते हैं और इसे पूरी ईमानदारी के साथ चला भी रहे हैं। दूसरी खासियत जो इन शॉप्स की है वो ये कि आप 24×7 इनका उपयोग कर सकते हैं।
मुस्तफा बताते हैं कि लोग पूरी ईमानदारी के साथ इस काम में अपना सहयोग दे रहे हैं। वह जो कुछ भी खरीदते हैं, उसके पैसे खुद ईमानदारी से चुकाते हैं। फ्रिज में लगे पेमेंट बॉक्स में 90 प्रतिशत से अधिक का कलेक्शन होता है और कभी-कभी तो यह कलेक्शन 100 प्रतिशत तक भी होता है। इस काम में अपार्टमेंट के लोग और आईडी टीम के लोग अपना पूरा सहयोग करते हैं।
यह एक काफी बड़ा प्रोजेक्ट है। बंगलुरु में इसकी सफलता के बाद कंपनी इसे हैदराबाद, चेन्नई और मुंबई में भी शुरू करने की योजना बना रही है।