प्रोविडेंट फंड (पीएफ) हमारी सैलेरी से कटने वाली एक रकम होती है जो कि पीएफ खाते में जाती है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपकी कंपनी सैलेरी से कुछ हिस्सा पीएफ के नाम पर काटती होगी, लेकिन हमेशा कुछ लोग पीएफ को लेकर असमंजस में रहते हैं। इसलिए आज हम इससे जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं जिसे आपका जानना बेहद जरूरी है। जितनी रकम आपकी सैलेरी से पीएफ के लिए कटती है उतनी ही रकम कंपनी आपकी तरफ से आपके खाते में डालती है। तो आप जब तक नौकरी करते हैं आपके भविष्य के लिए अच्छी खासी रकम जमा हो जाती है, जो आपके EPFO ऑफिस में जमा होती है।
प्रविडेंट फंड में ब्याज के बढ़ने की वजह से अब ये काफी आकर्षक हो गया है। दरअसल एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड यानी कर्मचारी भविष्य निधि कर्मचारियों के लिए फायदे की निधि होती है। इसमें आपकी सैलरी से 12 प्रतिशत हर महीने कटकर EPF अकाउंट में जाता है। आपके इस अकाउंट में सिर्फ आप ही अपनी सैलेरी का हिस्सा नहीं देते, बल्कि कंपनी वेतन का 3.33 प्रतिशत हिस्सा दर्ज करती है और 8.67 प्रतिशत हिस्सा आपके पेंशन के लिए अलग रखती है। साल 2015-16 में पीएफ पर ब्याज 8.75 से 8.88 प्रतिशत कर दिया गया है। इसमें दिलचस्प बात ये है कि पीएफ में जाने वाली रकम 80सी के तहत टैक्स की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। हर साल 1.5 लाख तक की राशि पर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
आपको बता दें कि पीएफ में जाने वाली राशि में और इस राशि को निकालने पर भी टैक्स नहीं लगता है। तो अगर आप इस राशि को बढ़ाना चाहते हैं तो आप अपनी सैलेरी से ज्यादा रकम भी कटवा सकते हैं, लेकिन अगर आपने ये रकम 5 साल से पहले निकाल ली तो इस पर टैक्स लगता है। बाकी काम छोड़ने के बाद आप इस राशि को कहीं निवेश कर सकते हैं।