नवरात्रि का तीसरा दिन- तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा

0
478

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। तीसरे दिन की पूजा का एक विशेष महत्व होता है। इस दिन शक्ति मां चंद्रघंटा की पूरे विधिविधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है। इस देवा की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। दिव्य सुंगधियों का अनुभव भी प्राप्त होता है। इसमें हमें कई तरह के घंटों की ध्वनियां भी सुनाई देती है।

chandraghanta

इसलिए कहा भी जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर पूजा करना चाहिए और पूरी तरह शुद्ध मन से विधिविधान के अनुसार आज के दिन की पूजा करनी चाहिये। इससे सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं।

सिंह पर सवार इस देवी की मुद्रा युद्ध के लिये उद्धत रहने की होती है। इनकी अराधना करने से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। चंद्र के समान सुंदर मां का रूप मोहक और अलौकिक है। इनका स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक पर घंटे का आकार का अर्धचंद्र होने के कारण इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। यह वीरता और शक्ति का प्रतीक है।

इस मंत्र का जाप अवश्य करें।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here