हमारा भारत आस्था और विश्वास से जुड़ा हुआ है। यहां पर हर चीजों के प्रति अटूट श्रद्धा होने के कारण हमारे यहां के लोग पत्थर को भी भगवान मान बैठते हैं। इसी अटूट श्रद्धा को देख कभी-कभी विज्ञान की चुनौती भी फेल हो जाती है क्योंकि लोगों से जुड़ी आस्था की ताकत नामुमकिन को भी मुमकिन कर जाती है। ऐसा ही कुछ अद्भुत दृष्य म्यांमार में भी देखने को मिल रहा है।
म्यांमार में मौजूद ये पत्थर कहीं विज्ञान के लिये चुनौती है तो कहीं लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। 25 फीट की ऊंचाई पर मौजूद ये पत्थर एक ऐसी ढाल पर लटका हुआ है जहां से इसे सदियों से कोई आंधी, तूफान, यहां तक कि भूकंप के झटके का जोर भी हिला ना सका। इसके आगे हमारा विज्ञान भी फेल होता नजर आ रहा है।
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म्यांमार के लोग इस पत्थर को भगवान मानकर पूजने लगे हैं। जिसके कारण इस पत्थर को सुनहरे रंग से रंग दिया गया है। अब लोग इसे गोल्डन रॉक या क्यैकटियो पगोडा के नाम से जानते हैं। यह स्थान बुद्ध भगवान से जुड़े लोगों का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है।
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इस पत्थर को देखने से ऐसा महसूस होता है कि यह कभी भी गिर सकता है, पर सदियों से यह पत्थर अपनी जगह पर कायम यूं ही अटका हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि साल में तीन बार यहां आने से धन संपदा बना रहती है। जिस कारण नवंबर से मार्च के बीच हजारों की संख्या में लोग इस पत्थर को पूजने आते हैं। इस पत्थर के प्रति लोगों की आस्था कुछ भी हो, पर आज भी विज्ञान इस विषय पर अपना कोई सही तर्क नहीं दे पाया है कि आखिर यह पत्थर इस छोर पर किस प्रकार से अटका हुआ है।