देश के अलग-अलग कोनो में महिलायों की मासिक धर्म की समस्या से जुड़ी अलग-अलग मान्यताएं हैं। आइये जानते हैं पीरियड्स से जुड़ी कुछ अजीबोगरीब प्रथाओं के बारे में हमारी इस पोस्ट में। दरअसल हमारे देश में पीरियड्स के दौरान महिलाओं पर कई प्रकार की बंदिशे रहती हैं। जैसे की वे मंदिर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर नहीं जा सकती हैं। इसके अलावा इन दिनों में वह आचार या किसी खट्टी चीज़ को छू नहीं सकती हैं। कुछ इसी प्रकार की प्रथाएं दुनिया की दूसरी जगहों पर भी हैं और आज हम आपको हम उन्ही के बारे में बताने जा रहें हैं।
घर से महिलाओं को रखा जाता हैं दूर –
दक्षिण भारत के कुछ हिंदू परिवारों, इंडोनेशिया की रस्ताफेरीयन सोसाइटी और नाइजीरिया की कुछ जनजातियों में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को घर से दूर रखा जाता हैं। इन महिलाओं को घर से दूर बनी एक झोपडी में उस समय तक रहना होता जब तक इनका मासिक धर्म का समय ख़त्म नहीं हो जाता हैं। इन स्थानों पर लोगों की मान्यता हैं कि इस समय महिलायें अशुद्ध होती हैं इसलिए सामान्य लोगों के साथ उनका रहना सही नहीं माना जाता।
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पीरियड्स के ब्लड को पीते हैं –
यह प्रथा काफी विवादित रही हैं। इस परम्परा का पालन वेस्ट बंगाल तथा बांग्ला देश के बॉल्स समाज के लोग करते हैं। इस परंपरा में लोग पीरियड के पहले दिन के ब्लड में गाय का दूध, नारियल का पानी तथा कपूर को मिलाकर पीते हैं। इस प्रथा के पीछे मान्यता हैं कि ऐसा करने पर शारारिक शक्ति बढ़ती हैं तथा याददाश्त भी तेज होती हैं।
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कराया जाता हैं शुद्धिकरण –
नेपाल में मासिक धर्म को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं हैं। वहां की लड़कियां इन दिनो में किसी भी अन्य व्यक्ति को छू नहीं सकती हैं। यदि ऐसा हो जाता हैं तो उस व्यक्ति का शुद्धिकरण कराया जाता हैं। इसके अलावा यहां लड़कियां पीरियड के समय अपने साथ लोहे की वस्तु रखती हैं ताकि उन पर किसी भूत-प्रेत का साया न पड़े।
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दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं –
यह प्रथा भारत के कर्नाटक राज्य की हैं। यहां पर जब किसी लड़की को पहली बार मासिक धर्म होता हैं तो उस लड़की को दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं और उसकी आरती कर उसका पूजन किया जाता हैं। यह प्रथा केरल तथा आंध्र प्रदेश में भी देखने को मिलती हैं।
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इस प्रकार से देश दुनियां के अलग अलग हिस्सों में पीरियड्स से जुड़ी अलग अलग मान्यताएं हैं जिनका लोग बड़ी सख्ती से पालन करते हैं।