इस बात को तो आप भी जानते हैं कि सिर पर गोली लगने से एकदम से ही इंसान की मौत हो जाती हैं, लेकिन अगर हम आपको कहें कि कुछ आदमी ऐसे भी होते हैं जिनको सालों पहले सिर पर गोली लगी थी, वह आज भी जिंदा हैं, तो क्या आप इस बात को सच मानेंगे। हम जानते हैं कि आप इंकार ही करेंगे। तो जनाब हम आपके लिए इस बात का सबूत भी लेकर आए हैं।
खोपड़ी में गोली लगने के बाद भी उससे बचने की संभावना सिर्फ और सिर्फ बुलेट और उस हथियार पर निर्भर करती हैं। इसके अलावा गोली लगने के बावजूद बचना इस बात पर भी निर्भर करती हैं कि गोली आखिरकार कहां लगी हुई हैं और कहां से बाहर आई है।
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जब बुलेट हमारे शरीर को हिट करती हैं, तो उसकी पूरी एनर्जी शरीर की कोशिकाओं को डैमेज कर देती है। बुलेट की रफ्तार और भारीपन दोनों ही संभावित नुकसान करती है। फिजिक्स के एक नियम के अनुसार, एनर्जी बुलेट के वजन से सीधा संबंधित होती हैं, यानि कि अगर वजन को दोगुना बढ़ा दिया जाए तो एनर्जी भी डबल हो जाएगी।
एक बुलेट शरीर को दो तरीकों से नुकसान पहुंचाती हैं। पहला तो इंजरी बुलेट जो सीधे क्रश के जरिए होती है और दूसरी तरह की बुलेट के शॉक वेव्स से शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। कुछ लोग जानलेवा हमला होने पर भी बच जाते हैं, तो कुछ छोटे से गनशॉट पर ही अपनी जान गंवा बैठते हैं। यानि कि पूरी कहानी इस बात पर निर्भर करती है कि बुलेट की लोकेशन क्या है। अगर एक बुलेट सिर में सीधे घुसती है तो बाउंस करने लगती हैं, जिससे परमानेंट कैविटी बड़ा हो सकता है। कुछ खुशकिस्मत लोग ऐसे होते हैं, जो बुलेट लगने के बावजूद आसानी से बच जाते हैं।