23 अप्रैल को आ सकती है तबाही, दुनियां के कई लोगों ने किया दावा

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आने वाली 23 अप्रैल की तारीख हमारी दुनियां के लिए अंतिम दिन बन सकती है। हालही में कुछ लोगों ने इस बात का दावा भी किया है। वैसे आप को बता की आज से पहले भी कई बार दुनियां के ख़त्म होने या किसी बड़ी तबाही आने के दावे होते रहें हैं। इन सभी दावों की बात अंत में कई बार झूठी साबित होती रही है। इस बार जो दावा किया जा रहा है। वह बाईबल को आधार बनाकर किया जा रहा है। यही कारण है की बहुत से लोग 23 अप्रैल वाली घटना पर विश्वास कर रहें हैं। इसके अलावा एक अन्य तथ्य यह भी है की इस घटना का जिक्र कई अलग अलग लोगों ने किया है। यह भी एक कारण है की लोगों का ध्यान इस और ज्यादा आकर्षित हो रहा है। हम आपको इस बारे यहां विस्तार से जानकारी देंगे। आइये जानते हैं की आखिर क्यों कही जा रही है तबाही की बात।

तीन ग्रह आएंगे एक रेखा में –

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आपको बता दें की बृहस्पति, धरती तथा सूर्य एक सीधी रेखा में आ रहें हैं। इन्ही  के बीच में एक अनजाना ग्रह अचानक आएगा तथा पृथ्वी पर कमायत का कारण बनेगा। यह दावा कॉन्सपिरेसी थ्योरी के कुछ विद्वानों द्वारा किया गया है। इस दावे में यह भी कहा गया है की पृथ्वी के करीब से एक बड़ा तथा अनजान ग्रह गुजरेगा। इस बारे में जानकारी देने वाले डेविड मीडे का कहना है की “मैंने इससे पहले भी कहा है की पृथ्वी पर क़यामत की शुरुआत इस ग्रह के कारण ही होगी। इस ग्रह को आकाश से साफ़ देखा जा सकेगा तथा इसके कारण ही भयानक तूफ़ान तथा भूकंप आएंगे। जैसा की बाईबल में कहा गया है।” अब यह घटना कहां तक साई साबित होती हैं यह देखने वाली बात है।

वैसे इस प्रकार का एक दावा पिछले वर्ष सितंबर में भी किया गया था। जिसमें प्लानेट एक्स ‘निबिरु’ के धरती से टकराने तथा पृथ्वी के ख़त्म होने का दावा किया गया था। इस दावे की नासा ने भी नकार दिया था। वैज्ञानिकों का मानना यह भी है की ‘प्लानेट एक्स’हमारी पृथ्वी पर होने वाली सामूहिक विलुप्ति का कारण हो भी सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी पृथ्वी पर करीब 2.7 करोड़ वर्षों के बाद में सामूहिक विलुप्ति के कारण बनते हैं। वर्तमान में 23 अप्रैल वाली घटना के बारे में वैज्ञानिकों ने कुछ ठोस बात नहीं कही है। देखा जाएं टॉम हालही में पृथ्वी के ख़त्म होने का दावा करने वाली यह बात बाईबल से जुडी है न किसी वैज्ञानिक खोज से। अतः इस पर ज्यादा ध्यान देना समय को नष्ट ही करना होगा।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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