इंसान ने इतनी तरक्की कर ली हैं कि अंतरिक्ष भी उसकी पहुंच से दुर नही रहा। उसने अनंत अंतरिक्ष के बहुत से रहस्यों से भी पर्दा उठा दिया हैं लेकिन अपने सौर मंडल में एक ऐसा भी ग्रह हैं जहां कभी कोई मानव कदम नहीं रख सकेगा। वर्तमान में नासा ने सूर्य करीब पहुंचने की घोषणा की हैं। मगक आपको जानकर आश्चर्य होगा की नासा ने भी इस ग्रह के आगे घुटने टेक दिए हैं। आपको बता दें कि इस ग्रह का नाम “शुक्र” हैं।
शुक्र नामक यह ग्रह हमारे सौर मंडल का ही हिस्सा हैं पर इसकी भौगोलिक स्थिति तथा वातावरण चंद्रमा के जैसा नहीं है। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर वैज्ञानिक क्यों इस ग्रह पर उतरने को लेकर बेबस नजर आते हैं।
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100 दिन वाला सफर –
सबसे बड़ी बात यह है कि इस ग्रह पर स्पेस शटल के द्वारा पहुंचने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को 100 दिन का सफर करना पड़ेगा। इसके बाद सबसे बड़ी परेशानी वहां के बादल हैं। असल में इस ग्रह के बादल सल्फर डाइऑक्साइड के जहरीले मिश्रण से बने हैं और यह बहुत ही घने स्तर के हैं इसलिए वहां पर स्पेस शटल को लैंड करवाना एक बड़ी चुनौती हैं। यदि बादलों से किसी प्रकार निकल भी जाए तो शुक्र ग्रह के आतंरिक वातावरण में 354 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार वाली हवाओं को झेलना नामुमकिन हैं। सबसे बड़ी बात यह हैं कि शुक्र पर सल्फ्यूरिक एसिड की वर्षा होती हैं जो की स्पेस शटल को पूरी तरह से खराब कर देगी।
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खतरनाक तापमान –
शुक्र ग्रह का तापमान बहुत ज्यादा खतरनाक हैं। आपको बता दें कि इस ग्रह पर 315 डिग्री सेल्सियस का तापमान होता हैं जबकि हमारी पृथ्वी पर सिर्फ 40 डिग्री तापमान होता हैं। इस तापमान में आम आदमी का रुकना बेहद मुश्किल हैं और तो और अम्लीय वर्षा के बाद इतने तापमान में स्पेस शटल में आग लगने की पूरी संभावना बनती हैं।
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सूर्य का प्रकाश कम हैं –
यह भी एक तथ्य हैं कि इस ग्रह के बादल 90 प्रतिशत सूर्य की रौशनी को परवर्तित कर देते हैं इसलिए यहां पर सिर्फ 10 प्रतिशत प्रकाश पहुंच पाता हैं। इस कारण इस ग्रह पर दिन में भी अंधेरा रहता हैं। इसके अलावा इस ग्रह के धरातल का तापमान इसके वातावरण के तापमान से 2 गुना हैं तथा दिन और रात में शुक्र ग्रह का तापमान समान बना रहता हैं। यही कारण हैं कि आज सूर्य के निकट पहुंचने की घोषणा करने वाले वैज्ञानिक भी इस ग्रह के धरातल पर नहीं उतरना चाहते।