5 साल की मासूम बच्ची बनी बेसहारा दादी और परदादी का सहारा

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नन्हीं सी उम्र में हर बच्चे का बचपन स्कूल की पढ़ाई और खेलकूद की मौज मस्ती में ही बीतता है, पर चीन में रहने वाली एक 5 वर्षीय एना वांग नाम की बच्ची अपनी उम्र के बाकी बच्चों से बिलकुल अलग है। उसकी दिनचर्या स्कूल की पढ़ाई से नहीं बल्कि रसोई से शुरू होती है, क्योंकि उसके ऊपर इतनी कम उम्र से ही अपनी दादी और परदादी की जिम्मेदारी है, जिनकी सेवा करने के लिए उसे सुबह से ही उठकर हर काम अपने हाथों से करने होते है।

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बताया जाता है कि इन दोनों ही बसहारा बुढ़ी महिलाओं की जिंदगी में सहारा बनी ये मासूम लड़की जब तीन साल की थी, तभी उसके पिता को किसी कारण वश जेल हो गई थी। जिसके बाद एना की मां ने अपनी इस मासूम बच्ची को उसकी दादी और परदादी के हवाले छोड़कर अपनी दूसरी नई जिंदगी बसा ली, फिलहाल यह दोनों बूढ़ी औरतें एना का ध्यान रखने में असमर्थ हैं। जिसके बाद एना ने धीरे-धीरे खुद ही अपना ख्याल रखने के साथ अपने घर की दोनों बुजुर्गों का भी ख्याल रखना सीख लिया है और आज 5 साल की उम्र में यह ना केवल घर का पूरा काम करती है, बल्कि अपनी दोनों दादियों की सेवा से लेकर उन्हें नहलाना, खिलाना, साफ-सफाई का पूरा जिम्मा उसी के ऊपर आ गया है।

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चीन के काफी दूरवर्ती पहाड़ी इलाके में रहने वाले इस परिवार की मदद करने वाला कोई भी नहीं है। एना की दादी ऑर्थराइटिस नामक बीमारी से पीड़ित है और परदादी की उम्र 95 वर्ष की है, जिससे दोनों ही किसी भी तरह का कोई भी काम नहीं कर पाती है। इन दोनों बुजुर्ग की पूरी देखभाल के लिए इस बच्ची को सुबह जल्दी उठना पड़ता है। जिससे वो घर के पूरे काम समय पर कर पाती है। आज के समय में ये छोटी मासूम बच्ची सोशल मीडिया पर एक मिसाल बनकर उभर रही है।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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